Cibil Score – अगर आपका भी सिबिल स्कोर किसी गलती की वजह से खराब हो गया है और आप महीनों से इसे सही करवाने के लिए परेशान हो रहे हैं, तो अब आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। आरबीआई यानी भारतीय रिजर्व बैंक ने एक बड़ा फैसला लिया है, जिससे आम बैंक ग्राहकों को राहत मिलने वाली है। दरअसल, कई बार ऐसा होता है कि बैंक या फिर क्रेडिट ब्यूरो की लापरवाही की वजह से किसी ग्राहक की क्रेडिट रिपोर्ट में गलत जानकारी अपडेट हो जाती है, जिससे उसका सिबिल स्कोर गिर जाता है। इसी समस्या को खत्म करने के लिए अब आरबीआई ने सख्त नियम लागू कर दिए हैं।
अब अगर बैंक या एनबीएफसी की गलती से आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में कोई गलत जानकारी जाती है और उसे समय पर सही नहीं किया जाता, तो आपको इसके लिए हर दिन के हिसाब से मुआवजा मिलेगा। यानी जितनी देर होगी, उतना पैसा बैंक या क्रेडिट एजेंसी को आपको देना होगा। चलिए आपको विस्तार से समझाते हैं कि ये नियम क्या हैं और आम ग्राहकों को इससे कैसे फायदा होगा।
कैसे होती थी अब तक परेशानी
अक्सर आपने सुना होगा कि किसी का लोन पास नहीं हो पाया क्योंकि उसका सिबिल स्कोर खराब था, जबकि उसने कभी कोई लोन लिया ही नहीं था या फिर समय पर चुका दिया था। दरअसल, कई बार बैंक या क्रेडिट ब्यूरो किसी पुराने लोन की जानकारी गलत तरीके से रिपोर्ट में अपडेट कर देते हैं। और जब ग्राहक इसे ठीक करवाने की कोशिश करता है, तो उसे बार-बार बैंक और क्रेडिट एजेंसी के चक्कर काटने पड़ते हैं। कई बार महीनों तक मामला लटका रहता है, जिससे ग्राहक का स्कोर और ज्यादा गिर जाता है और उसे भविष्य में लोन मिलने में दिक्कत होती है।
अब ये परेशानी नहीं होगी
अब आरबीआई ने इस सिस्टम को पारदर्शी और ग्राहक हितैषी बनाने के लिए नया नियम बनाया है। इसके तहत अगर किसी ग्राहक की क्रेडिट रिपोर्ट में गलती है और वह बैंक या क्रेडिट ब्यूरो से इसे ठीक करवाने की शिकायत करता है, तो तय समय में कार्रवाई न होने पर बैंक या क्रेडिट एजेंसी को मुआवजा देना होगा। यह मुआवजा हर दिन के हिसाब से सौ रुपये तक हो सकता है। यानी अगर सुधार में 10 दिन की देरी होती है, तो ग्राहक को हजार रुपये तक मिल सकते हैं।
समयसीमा भी तय कर दी गई है
आरबीआई ने साफ निर्देश दिए हैं कि जब कोई ग्राहक शिकायत करता है तो बैंक या एनबीएफसी को 21 कार्य दिवस के भीतर इसका समाधान करना होगा या कम से कम क्रेडिट ब्यूरो को इसकी सूचना देनी होगी। अगर वे ऐसा नहीं करते, तो उन्हें जुर्माना भरना पड़ेगा। वहीं, क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी को भी शिकायत मिलने के 9 दिनों के भीतर समाधान करना होगा, वरना उन्हें भी प्रति दिन के हिसाब से मुआवजा देना पड़ेगा। इस व्यवस्था से ग्राहकों को लंबे समय तक परेशानी झेलने से राहत मिलेगी।
जानकारी देना अब जरूरी
एक और अहम नियम जो आरबीआई ने लागू किया है, वह ये है कि अब कोई भी बैंक, एनबीएफसी या वित्तीय संस्था जब किसी ग्राहक की क्रेडिट रिपोर्ट जांचेगी, तो इसकी जानकारी ग्राहक को देना अनिवार्य होगा। यह जानकारी एसएमएस और ईमेल के जरिए दी जाएगी, जिससे ग्राहक को पता रहे कि उनकी रिपोर्ट कहां और कब देखी गई है। पहले ऐसा नहीं होता था, जिससे कई बार ग्राहकों को पता ही नहीं चलता था कि उनकी रिपोर्ट कब और क्यों चेक की गई।
ग्राहकों को होगा सीधा फायदा
इन नए नियमों से ग्राहकों को सीधा फायदा होगा। सबसे पहली बात तो ये है कि अगर किसी की रिपोर्ट में गलती होती है तो अब उसे महीनों तक परेशान नहीं होना पड़ेगा। दूसरी बात, अगर देरी होती भी है तो उसका मुआवजा मिलेगा। इससे बैंकों और क्रेडिट ब्यूरो पर जिम्मेदारी बढ़ेगी और वे रिपोर्ट अपडेट करने में ज्यादा सतर्क रहेंगे।
इसके साथ ही ग्राहक भी अपनी क्रेडिट रिपोर्ट को समय-समय पर चेक करते रहें, ताकि कोई गलती तुरंत पकड़ में आ जाए। याद रखें, सिबिल स्कोर आपकी फाइनेंशियल सेहत का आईना है और लोन या क्रेडिट कार्ड लेने में इसकी बड़ी भूमिका होती है।