Old Pension Scheme – अगर आप सरकारी नौकरी में हैं या इसके लिए तैयारी कर रहे हैं, तो आपके लिए एक बड़ी खुशखबरी है। पुरानी पेंशन योजना यानी ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। 30 मई से एक नया नियम लागू हो गया है, जो लाखों कर्मचारियों के लिए राहत लेकर आया है। इस फैसले के बाद बहुत से सरकारी कर्मचारी अब फिर से पुरानी पेंशन योजना का फायदा उठा सकेंगे। तो चलिए, इसे बिल्कुल आसान और देसी अंदाज़ में समझते हैं।
क्या है पुरानी पेंशन योजना
पुरानी पेंशन योजना यानी OPS एक समय में सरकार की तरफ से दी जाने वाली गारंटीड पेंशन स्कीम थी। इस योजना में सरकारी कर्मचारी को रिटायरमेंट के बाद हर महीने एक निश्चित रकम पेंशन के रूप में मिलती थी। ये रकम उसकी आखिरी सैलरी के हिसाब से तय होती थी और इसमें महंगाई भत्ते की बढ़ोतरी भी शामिल होती थी। मतलब रिटायरमेंट के बाद भी एक सम्मानजनक और स्थिर इनकम की गारंटी मिलती थी।
क्यों बंद हुई थी OPS
2004 में सरकार ने इस योजना को बंद कर नई पेंशन योजना (NPS) शुरू की थी। इस नई योजना में पेंशन की रकम बाजार से जुड़ी होती है। यानी इसमें गारंटी नहीं होती कि आपको हर महीने कितनी राशि मिलेगी। ये पूरी तरह इस बात पर निर्भर करता है कि आपके निवेश ने मार्केट में कितना रिटर्न दिया।
30 मई से क्या बदला
अब सरकार ने 30 मई 2025 से एक बड़ा बदलाव किया है। जिन कर्मचारियों का चयन 2004 से पहले हो गया था, लेकिन किसी कारणवश उनकी नियुक्ति 2004 के बाद हुई, अब उन्हें भी पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यह बदलाव लागू किया गया है। कोर्ट ने कहा कि नियुक्ति की तारीख नहीं, बल्कि चयन की तारीख को आधार बनाया जाए।
किसे मिलेगा फायदा
इस नए नियम का फायदा उन लोगों को होगा जिनका सेलेक्शन 2004 से पहले हुआ लेकिन नियुक्ति किसी कारण 2004 के बाद हुई। अब ऐसे कर्मचारी भी पुरानी पेंशन स्कीम में शामिल हो सकेंगे। इससे उन लाखों कर्मचारियों को राहत मिलेगी जो सालों से इसका इंतजार कर रहे थे।
OPS क्यों है खास
पुरानी पेंशन स्कीम में सबसे बड़ी बात है गारंटी। आपको हर महीने एक फिक्स पेंशन मिलती है, चाहे बाजार गिरे या चढ़े। साथ ही महंगाई भत्ता भी जुड़ता है। परिवार को भी लाभ मिलता है, अगर कर्मचारी की मृत्यु हो जाए तो उसके परिवार को पेंशन मिलती रहती है।
एक उदाहरण से समझें तो मेरे एक जानने वाले रेलवे में थे। उन्हें हर महीने 35 हजार रुपये पेंशन मिलती है, और हर साल डीए बढ़ता है। वहीं उनके साथ के ही एक और कर्मचारी जिन्हें NPS के तहत पेंशन मिलती है, उन्हें मुश्किल से 15 हजार रुपये मिलते हैं।
OPS बनाम NPS में अंतर
पुरानी स्कीम में पेंशन की गारंटी होती है जबकि नई में नहीं। NPS में सरकार का योगदान ज़रूर होता है लेकिन बाजार पर निर्भर होने की वजह से जोखिम भी बना रहता है। वहीं OPS में सरकार ही पूरी जिम्मेदारी लेती है। यही वजह है कि अब बहुत सी राज्य सरकारें भी वापस OPS को लागू कर रही हैं।
कौन-कौन सी राज्य सरकारें लाईं OPS वापस
राजस्थान, छत्तीसगढ़, पंजाब, झारखंड और हिमाचल प्रदेश जैसी राज्य सरकारें पहले ही OPS को फिर से लागू कर चुकी हैं। अब केंद्र सरकार द्वारा भी यह स्पष्ट किया गया है कि चयन की तारीख को आधार बनाकर OPS का लाभ दिया जाएगा।
अगर आप भी लाभ लेना चाहते हैं तो क्या करें
अगर आप उन कर्मचारियों में से हैं जिनका चयन 2004 से पहले हुआ था लेकिन नियुक्ति 2004 के बाद, तो आप इन स्टेप्स को फॉलो करें:
- चयन की तारीख और दस्तावेजों की जांच करें
- विभागीय पेंशन अधिकारी से संपर्क करें
- पुरानी पेंशन योजना के लिए आवेदन करें
- जरूरी कागजात तैयार रखें
यह प्रक्रिया थोड़ी समय ले सकती है, लेकिन इसका फायदा पूरी ज़िंदगी मिलेगा।
इस बदलाव का महत्व
यह सिर्फ एक सरकारी फैसला नहीं, बल्कि कर्मचारियों की वर्षों पुरानी मांग का सम्मान है। यह बदलाव कर्मचारियों को न सिर्फ आर्थिक सुरक्षा देता है, बल्कि मानसिक शांति भी देता है। यह विश्वास बहाल करता है कि सरकारी नौकरी में भविष्य सुरक्षित है।
अगर आप या आपके जानने वाले इस दायरे में आते हैं तो इस जानकारी को जरूर साझा करें। पुरानी पेंशन स्कीम में वापसी का मौका बार-बार नहीं मिलेगा। यह सिर्फ एक पॉलिसी नहीं, बल्कि लाखों सरकारी कर्मचारियों के संघर्ष और मेहनत की जीत है।