किराये पर मकान देने वालों के लिए खुशखबरी, टैक्स नियमों में बड़ा बदलाव – Tenant New Rule

By Prerna Gupta

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Tenant new rule

Tenant New Rule : केंद्र सरकार ने आम करदाताओं को बड़ी राहत देते हुए किराये पर TDS कटौती की सीमा बढ़ा दी है। अब अगर किसी संपत्ति से सालाना किराया 6 लाख रुपये तक है, तो उस पर कोई TDS नहीं कटेगा। पहले यह सीमा सिर्फ 2.4 लाख रुपये थी। नया नियम 1 अप्रैल 2025 से लागू हो गया है। इसका सीधा फायदा उन लोगों को मिलेगा जो मकान किराए पर देकर पैसे कमाते हैं।

क्यों बढ़ाई गई TDS सीमा?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025-26 के बजट में इस बदलाव की घोषणा की थी। इसका उद्देश्य छोटे और मध्यम आय वाले मकान मालिकों को टैक्स कटौती से राहत देना है। इससे किराये पर रहने वाले लोगों को भी TDS काटने की जिम्मेदारी से छुटकारा मिलेगा। अब ऐसे करोड़ों लेनदेन TDS के दायरे से बाहर हो जाएंगे, जिससे अनुपालन करना आसान हो जाएगा।

धारा 194-I के अनुसार नया नियम

आयकर अधिनियम की धारा 194-I कहती है कि अगर कोई व्यक्ति किसी मकान या संपत्ति के बदले में साल भर में तय सीमा से ज्यादा किराया देता है, तो उसे TDS काटना अनिवार्य है। अब यह सीमा 2.4 लाख से बढ़ाकर 6 लाख रुपये सालाना कर दी गई है। यानी अब महीने का किराया अगर 50,000 रुपये या उससे कम है, तो TDS नहीं कटेगा।

TDS कब कटेगा और कब नहीं?

  • अगर आप हर महीने 55,000 रुपये किराए पर मकान दे रहे हैं, तो वार्षिक किराया 6.6 लाख रुपये होगा। ऐसे में किरायेदार को हर महीने TDS काटना होगा
  • वहीं अगर मासिक किराया 45,000 रुपये है, यानी साल का कुल किराया 5.4 लाख रुपये, तो TDS नहीं कटेगा

यह नियम सिर्फ आवासीय संपत्ति नहीं, बल्कि वाणिज्यिक, औद्योगिक या किसी भी प्रकार की किराये की संपत्ति पर लागू होगा।

किन्हें मिलेगा फायदा?

इस बदलाव का सबसे बड़ा फायदा मध्यम वर्ग के मकान मालिकों को होगा। वे लोग जो अपना मकान या दुकान किराये पर देते हैं और जिनकी आय 50,000 रुपये प्रति माह से कम है, उन्हें अब TDS नहीं देना पड़ेगा। इसके अलावा, छोटे व्यवसाय और स्टार्टअप्स को भी फायदा होगा जो ऑफिस स्पेस किराये पर लेते हैं।

अनुपालन और कागजी कार्रवाई में राहत

पहले बहुत से लोग TDS कटौती, रिटर्न फाइलिंग और दस्तावेजों की प्रक्रिया से परेशान रहते थे। अब इस सीमा को बढ़ाने से ये सारी औपचारिकताएं बहुत हद तक कम हो जाएंगी। आयकर विभाग पर भी कम बोझ पड़ेगा और वे बड़े मामलों पर बेहतर ध्यान दे पाएंगे।

रियल एस्टेट सेक्टर को भी फायदा

इस निर्णय से रियल एस्टेट मार्केट को भी गति मिलेगी। अधिक लोग अब निवेश के लिए मकान खरीदेंगे ताकि किराये पर देकर कमाई कर सकें। इससे खासकर उन शहरों में फायदा होगा जहां किराये की मांग ज्यादा है।

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