अगर आपका बैंक डूब गया तो क्या बचेगा आपका पैसा? जानिए RBI का बड़ा नियम – Bank Collapse Rules

By Prerna Gupta

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Bank collapse rules

Bank Collapse Rules : आजकल अधिकांश लोग अपने पैसे बैंकों में जमा रखते हैं, क्योंकि बैंक में जमा राशि सुरक्षित मानी जाती है। लेकिन क्या होगा अगर आपका बैंक डूब जाए? क्या आपका पैसा सुरक्षित रहेगा? आइए जानते हैं बैंक डूबने पर आपके पैसे की सुरक्षा के बारे में।

DICGC इंश्योरेंस क्या है?

डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है, जो बैंकों की जमा राशि पर इंश्योरेंस प्रदान करती है।

यह इंश्योरेंस कवर सभी प्रकार के बैंक खातों पर लागू होता है, जैसे सेविंग्स अकाउंट, करंट अकाउंट, फिक्स्ड डिपॉजिट (FD), और रिकरिंग डिपॉजिट (RD)।

बैंक डूबने पर कितने पैसे मिलेंगे?

यदि आपका बैंक डूब जाता है, तो DICGC के तहत आपको अधिकतम ₹5 लाख तक की गारंटी मिलती है। इसमें आपकी मूल राशि और उस पर मिलने वाला ब्याज दोनों शामिल हैं।

यदि आपकी जमा राशि ₹5 लाख से अधिक है, तो अतिरिक्त राशि के लिए आपको बैंक की परिसमापन प्रक्रिया का इंतजार करना पड़ सकता है, और यह राशि मिलने की संभावना कम हो सकती है।

एक ही बैंक में कई खातों की स्थिति

यदि आपके पास एक ही बैंक में कई खाते हैं, तो सभी खातों की कुल जमा राशि को मिलाकर ₹5 लाख की सीमा निर्धारित की जाती है। उदाहरण के लिए, यदि आपके पास एक सेविंग्स अकाउंट में ₹3 लाख और एक FD में ₹4 लाख जमा हैं, तो कुल ₹7 लाख की राशि होने पर आपको ₹5 लाख ही मिलेंगे।

अलग-अलग बैंकों में खाते होने पर

यदि आपके पास अलग-अलग बैंकों में खाते हैं, तो प्रत्येक बैंक में ₹5 लाख तक की गारंटी मिलेगी। उदाहरण के लिए, यदि आपके पास दो बैंकों में ₹6 लाख-₹6 लाख जमा हैं, और दोनों बैंक डूब जाते हैं, तो आपको दोनों बैंकों से ₹5 लाख-₹5 लाख मिलेंगे, यानी कुल ₹10 लाख।

जॉइंट अकाउंट की स्थिति

यदि आपका जॉइंट अकाउंट है, तो प्रत्येक खाताधारक को ₹5 लाख तक की गारंटी मिलेगी, बशर्ते खाता ‘या’ (either or survivor) या ‘दोनों या उत्तरजीवी’ (former or survivor) के आधार पर खोला गया हो। उदाहरण के लिए, यदि आपके और आपके साथी के संयुक्त खाते में ₹8 लाख जमा हैं, तो दोनों को ₹5 लाख-₹5 लाख मिलेंगे, यानी कुल ₹10 लाख।

क्या करें अपनी जमा राशि की सुरक्षा के लिए?

  • अलग-अलग बैंकों में खाते खोलें: इससे एक बैंक के डूबने पर आपका नुकसान सीमित रहेगा।
  • NBFCs में जमा राशि से बचें: Non-Banking Financial Companies (NBFCs) पर DICGC की गारंटी लागू नहीं होती।
  • बैंक की वित्तीय स्थिति पर नजर रखें: बैंक की वार्षिक रिपोर्ट और रेटिंग एजेंसियों की रिपोर्ट देखकर बैंक की स्थिरता का आकलन करें।

बैंक डूबने की स्थिति में DICGC के तहत आपको अधिकतम ₹5 लाख तक की गारंटी मिलती है। इसलिए, अपनी जमा राशि को सुरक्षित रखने के लिए उपरोक्त सुझावों का पालन करें और सतर्क रहें।

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