EPFO कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी! रिटायरमेंट के बाद हर महीने मिलेगी इतनी पेंशन – EPFO New Update

By Prerna Gupta

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Epfo new update

EPFO New Update : आज की प्राइवेट नौकरी में सबसे बड़ा सवाल यही रहता है – रिटायरमेंट के बाद क्या? क्योंकि सरकारी नौकरी वालों की तरह यहां कोई गारंटी वाली पेंशन नहीं मिलती। लेकिन अब टेंशन लेने की जरूरत नहीं है।

EPFO यानी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए एक जबरदस्त स्कीम बनाई है – EPS (Employee Pension Scheme)

अगर आपने भी अपनी नौकरी के दौरान PF कटवाया है और EPS में सालों तक योगदान दिया है, तो अब आपके रिटायरमेंट के बाद हर महीने एक तय पेंशन मिल सकती है। आइए जानते हैं इस योजना से जुड़ी पूरी बात आसान भाषा में।

EPS क्या है?

EPS यानी कर्मचारी पेंशन योजना की शुरुआत साल 1995 में हुई थी। इसका मकसद था कि प्राइवेट नौकरी करने वालों को भी रिटायरमेंट के बाद एक फिक्स इनकम मिलती रहे।

अगर आपकी उम्र 58 साल हो चुकी है और आपने EPS में कम से कम 10 साल का योगदान किया है, तो आप इस पेंशन के हकदार बन जाते हैं।

पेंशन के लिए क्या शर्तें जरूरी हैं?

EPS से पेंशन पाने के लिए कुछ बेसिक शर्तें हैं:

  • आपकी उम्र कम से कम 58 साल होनी चाहिए
  • EPS में कम से कम 10 साल का योगदान जरूरी है
  • अगर आपने 9 साल 6 महीने तक भी योगदान दिया है, तो इसे 10 साल ही माना जाएगा
  • अगर 9 साल से कम योगदान रहा, तो पेंशन नहीं मिलेगी

EPS में कितना पैसा कटता है?

जब आपकी सैलरी से PF कटता है, तो उसमें से कुछ हिस्सा EPS में भी जाता है:

  • बेसिक सैलरी + DA (महंगाई भत्ता) का 12% PF में जमा होता है
  • इसमें से 8.33% EPS में और 3.67% EPF में जाता है

यानि आपकी पेंशन उसी राशि पर तय होती है, जो हर महीने EPS में जाती है।

नौकरी बदलने या ब्रेक होने से क्या फर्क पड़ेगा?

अगर आपने कई कंपनियों में काम किया है, लेकिन आपका UAN (Universal Account Number) एक ही है, तो EPS में कुल सर्विस जोड़ी जाती है। यानी 10 साल की शर्त पूरी हो सकती है, भले आपने अलग-अलग कंपनियों में काम किया हो।

अगर नौकरी के बीच कुछ महीनों का गैप भी रहा, तो भी EPS की गिनती पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ता, जब तक कि कुल सर्विस 10 साल हो।

पेंशन के लिए कैसे करें आवेदन?

58 साल की उम्र पूरी होने पर आप EPS की पेंशन के लिए फॉर्म 10D भरकर क्लेम कर सकते हैं। इसके साथ आधार कार्ड, बैंक पासबुक और जरूरी दस्तावेज लगते हैं। आप ये प्रक्रिया EPFO की वेबसाइट से ऑनलाइन भी कर सकते हैं।

कितनी मिलेगी पेंशन?

पेंशन की राशि इस पर निर्भर करती है कि आपने EPS में कितने साल तक योगदान दिया और आपकी सैलरी कितनी थी। अधिकतम पेंशन फिलहाल ₹7,500 प्रति माह तय है। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद, अब उच्च वेतन वाले लोग “हाई पेंशन विकल्प” का लाभ उठा सकते हैं, जिससे वे ₹30,000 या उससे अधिक की मासिक पेंशन के लिए योग्य हो सकते हैं।

क्या करें कर्मचारी?

  • अपना UAN नंबर संभालकर रखें
  • हर नई नौकरी में उसी UAN से PF खाता लिंक करें
  • EPS का स्टेटस PF पासबुक से चेक करते रहें
  • 10 साल की सेवा पूरी होने पर पेंशन का क्लेम ज़रूर करें
  • हाई पेंशन ऑप्शन को लेकर भी अपडेट रहें

EPS प्राइवेट नौकरी करने वालों के लिए रिटायरमेंट का भरोसेमंद सहारा बनता जा रहा है। अगर आपने EPS में 10 साल तक योगदान किया है, तो अब हर महीने पेंशन पाने का रास्ता साफ हो गया है।

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